"स्वस्थ भारत समृद्ध भारत"
" वन भाजी (सब्जियां) महोत्सव"
आज भी भारत में 70 प्रतिशत लोग, गांवों में रहते हैं। गांव स्वस्थ होंगे तो देश मजबूत होगा। क्योंकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था आज भी गांवों पर निर्भर करती है। कृषि आज भी हमारे देश की रीड की हड्डी है। देश का लगभग 50 प्रतिशत वर्कफोर्स आज भी गांव में रहती है। बड़ी संख्या में लोगों में रक्ताल्पता, कुपोषण और पोषक आहार की कमी को आसानी से देखा जा सकता है। बच्चों और महिलाओं में तो रक्तलप्ता अधिक आम है। इसके लिए निरमाय संस्था के माध्यम से गांवों में एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें पोषक आहार के साथ अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
लेकिन इस वर्ष निरामय संस्था के वार्षिक उत्सव के माध्यम से "वन भाजी (सब्जियां) महोत्सव" कार्यक्रम आयोजित किया गया। वन सब्जी एक ऐसी सब्जी है जो बिना किसी मेहनत के अपने आप कहीं भी जमीन पर उग जाती है। ये सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में अधिकतर ग्रामीण लोग इन सब्जियों को घास के रूप में उखाड़ के फेंक देते हैं या उपेक्षित कर देते हैं। सीमेंट के जंगलों में (शहर) रहने वाले लोगों में इस जानकारी का अभाव साफ दिखाई पड़ता है।
वन सब्जियों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने, लोगों को वन सब्जियों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वन भाजी महोत्सव और वन सब्जी पकाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 26 गांवों के 46 प्रतिभागियों ने भाग लिया। करीब 46 तरह की वन भाजी पाक कला देखी गईं। इस वन भाजी महोत्सव के आयोजन से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति तथा इन वन सब्जियों के प्रति जागृति करने के उद्देश से ये आयोजन किया गया था. निरामय के इस कार्यक्रम में श्रीमती कंचन ताई गडकरी, उमरेड विधायक श्री राजूभाऊ पारवे और तहसीलदार श्री प्रियेश महाजन सहित अन्य गणमान्य लोगों ने वन भाजी पाक कला स्पर्धा का निरीक्षण किया। और इस पहल के लिए संस्था की सराहना की।
वन भाजी महोत्सव कार्यक्रम के लिए निरामय के कार्यकर्ताओं ने एक माह से दिन रात गांव गांव जाकर वन सब्जियों के प्रति लोगों को जागरूक किया। लोगों को इसके महत्व से अवगत कराया गया और इस वन भाजी पाक कला प्रतियोगिता तथा निरामय के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के माध्यम से लगभग एक हजार लोगों ने वन भाजी महोत्सव के कार्यक्रम में आए जिससे एक समाज जागरण का एक अभिनव प्रयोग यशस्वी हुआ। साथ ही स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत के लिए एक छोटा सा प्रयत्न किया गया।